प्रेरणादायक कविता लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती है कोशिश करने वालों
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दोस्तों मैं इस कविता में आप सबको बहुत ही प्रेरणादायक एवं प्रसिद्ध कविता के बारे में बताऊंगा जिसका नाम है लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है इस कविता के जो कवि है वह हरिवंश राय बच्चन जी हैं बहुत लोग कहते हैं कि इस कविता के कवि मोहन लाल द्विवेदी जी को माना जाता है तो दोस्तों यदि आपको इस कविता को पढ़कर प्रेरणा मिलती है तो जीवन में कुछ जरूर कीजिएगा क्योंकि यह कविता आप सबको बहुत ही प्रेरित करेगी जीवन में कुछ करने के लिए यदि आपको ऐसे प्रेरणादायक कविताएं
पढ़ना पसंद है तो आप इस ब्लॉग पर आकर पढ़ सकते हैं
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना ना अखरता है आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है मिलते नहीं मोती सहज ही गहरे पानी में बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है
असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो तुम क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो तुम जब तक सब बंद ना हो नींद चैन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है
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